चंडीगढ़26 नवंबर। देश के 71 वें सविंधान दिवस के मौके पर जिला बार कोर्ट परिसर हिसार चैंबर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ कर संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर जी को याद करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के प्रदेश चेयरमैन अधिवक्ता लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने साठ देशों के संविधानो को पढ़कर भारत देश को एक सर्वश्रेष्ठ व दुनिया का लिखित में सबसे बड़ा संविधान हमें दिया। इसको लेकर 6 दिसम्बर 1946 को कांस्टीट्यूइंट असेंबली गठित की गई थी और 29 अगस्त 1947 को डॉक्टर अम्बेडकर को संविधान निर्मात्री सभा का चैयरमैन बनाया गया था। उस समय बाबा साहिब के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी कि मात्र तीन वर्ष की अल्प अवधि में उन्हें संविधान लिखकर सविधान सभा को सौंपना था, लेकिन डॉक्टर अम्बेडकर ने यह कार्य तीन वर्ष की अवधि से पहले ही हासिल करने का गौरव प्राप्त किया। कम्युनिस्ट नेता एमएन ने सबसे पहले 1934 में संविधान लिखने का विचार प्रकट किया था। संविधान निर्मात्री सभा मे चेयरमैन सहित कुल सात सदस्य थे, बाबा साहिब अम्बेडकर ने दिन रात अथक मेहनत करके हमे सर्वश्रेष्ठ संविधान देकर अंग्रेजी हुकूमत को मुंह तोड़ जबाव दिया। अंग्रेजी हुकूमत की शर्त थी की नवंबर 1946 से लेकर दिसंबर 1949 तक हमे लिखित में भारत का संविधान चाहिए, उसके बाद भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता दी जाएगी। भारत देश का संविधान हाथ से लिखा हुआ अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रन्थ है। बाबा साहिब ने अपने संविधान में सभी वर्गों को ध्यान रखकर लिखा। बाबा साहिब का उद्देश्य था कि देश के अंतिम नागरिक को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय मिले। इसलिए उन्हें प्रीम्बल में ही संविधान का सारांश लिख दिया। महिलाओं को बराबर में वोट का अधिकार देकर दुनिया के विकसित देशों को अचंभित कर दिया था। संविधान को संविधान सभा को सौपते हुए कहा था कि यदि संविधान को लागू करने वालों की नीयत ठीक होगी तो यह सबसे अच्छा संविधान सिद्ध होगा और यदि इसे लागू करने वालो की नीयत ठीक नहीं होगी तो यह बुरा भी साबित हो सकता है। बाबा साहिब ने आर्टिकल 32 को संविधान की आत्मा बताया था और उसी संविधान की आत्मा को आज केंद्र की मनुवादी विचारधारा की सरकार नष्ट करने का मन बना चुकी है। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्तागण विकास गोयल, श्वेता शर्मा, निशी भार्गव,पृथ्वी सिंह सैनी ,रतन पानू, अमित वर्मा, गौरव टुटेजा आदि उपस्थित रहे।